यूँ तो मुद्दे और मसले बहुत हैं लिखने को मगर,कमबख्त उँगलियों को तेरा ही ज़िक्र अज़ीज़ है…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यूँ तो मुद्दे और मसले बहुत हैं लिखने को मगर,कमबख्त उँगलियों को तेरा ही ज़िक्र अज़ीज़ है…!!!