धीरे-धीरे ही सही, उन्हे भी आ गया तज़ुर्बा भूलने का;
काश हमे भी यूँ, भूलने का करिश्मा आ जाए….. !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
धीरे-धीरे ही सही, उन्हे भी आ गया तज़ुर्बा भूलने का;
काश हमे भी यूँ, भूलने का करिश्मा आ जाए….. !!