दूर तक रेत ही
चमकती है
कोई पानी नहीं है धोका है
किसके काँधे पे रखके सर
रोऊँ
हाल सबका ही मेरे जैसा है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दूर तक रेत ही
चमकती है
कोई पानी नहीं है धोका है
किसके काँधे पे रखके सर
रोऊँ
हाल सबका ही मेरे जैसा है