उनका कंधा खुदा ने न जाने कितना मज़बूत बनाया है,
हमारी ख्वाहिशों को उठाते हुए माँ बाप ने
कभी उफ़ तक नहीं किया !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उनका कंधा खुदा ने न जाने कितना मज़बूत बनाया है,
हमारी ख्वाहिशों को उठाते हुए माँ बाप ने
कभी उफ़ तक नहीं किया !