by pyarishayri - जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 9, 2016 इश्क के अवशेष इश्क के अवशेष कहूँ या धरोहर इसे, कुछ सुखे गुलाब निकले हैं किताब से….