आहिस्ता चल ज़िंदगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है.
कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है…..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आहिस्ता चल ज़िंदगी, अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है.
कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है…..