अब कहां दुआओं में वो बरक्कतें,…वो नसीहतें …वो हिदायतें, अब तो बस जरूरतों का जलूस हैं …मतलबों के सलाम हैं
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब कहां दुआओं में वो बरक्कतें,…वो नसीहतें …वो हिदायतें, अब तो बस जरूरतों का जलूस हैं …मतलबों के सलाम हैं