by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 2, 2016 ज़िंदगी मुख्तसर ही मिली थी ज़िंदगी मुख्तसर ही मिली थी हमे, हम ही हसरते बेशुमार कर बैठे..