by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - September 15, 2016 एकान्त को पिघला कर एकान्त को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ, इन्सान हूँ मुरझा कर भी मस्त रहता हूँ….!!