उन्हे कोई और भी चाहे..
इस बात से हम थोङा- थोङा जलते हैं…!
ग़ुरुर है हमें इस बात पर..कि
सब हमारी पसंद पर ही क्यूँ मरते हैं|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उन्हे कोई और भी चाहे..
इस बात से हम थोङा- थोङा जलते हैं…!
ग़ुरुर है हमें इस बात पर..कि
सब हमारी पसंद पर ही क्यूँ मरते हैं|