by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, Urdu Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 25, 2016 अंजान अगर हो तो अंजान अगर हो तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नहीं जाते|