हम सब बड़े हो गए

ज़िन्दगी के ब्लैक बोर्ड पर अनगिनत पेँसिलोँ को

घिसते और रबर के बुरादे को झाड़ते हुए….
कितने सपने सजाते और मिटाते हम सब बड़े हो गए….

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