by pyarishayri - प्यार शायरी, प्रेणास्पद शायरी, बेवफा शायरी, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 12, 2017 मैंने दरवाज़े पे मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा है, ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ !!