by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, बेवफा शायरी, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी - November 24, 2016 दो ही गवाह थे दो ही गवाह थे मेरी मोहब्बत के एक था वक्त ओर दुसरा सनम एक गुजर गया और दुसरा मुकर गया|