एक तेरी रूह ही थी जिसको अपने जिस्म में उतार लिया,
वरना हम तो वो हैं जो खुद को धूल भी लगने ना दें।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक तेरी रूह ही थी जिसको अपने जिस्म में उतार लिया,
वरना हम तो वो हैं जो खुद को धूल भी लगने ना दें।।