तू कितनी भी

तू कितनी भी खुबसुरत क्यूँ ना हो ए ज़िंदगी
खुशमिजाज़ दोस्तों के बगैर तु अच्छी नहीं लगती..!!

हर वक़्त पल पल

हर दिन हर वक़्त
पल पल बेहिसाब जहन में
बस तुम ही तुम
आँखों में बस एक चेहरा
सिर्फ तुम सिर्फ तुम

मैं पेड़ हूं

मैं पेड़ हूं हर रोज़ गिरते हैं पत्ते मेरी शाखो से,,
फिर भी बारिश से बदलते नहीं रिश्ते मेरे