तेरा मिलना ऐसे होता

तेरा मिलना ऐसे होता है जैसे कोई हथेली पर एक वक़्त की रोजी रख दे…

हम तो बस तेरी सादगी

हम तो बस तेरी सादगी पर मरते हैं… और आप बेकार में ही इतना संवरते हो…

ख्वाहिश ये बेशक नही

ख्वाहिश ये बेशक नही कि “तारीफ” हर कोई करे…! मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे..” संभाल के खर्च करता हूँ खुद को दिनभर … हर शाम एक आईना मेरा हिसाब करता है ..

महोब्बतों से जाने क्यों

महोब्बतों से जाने क्यों यकीन अब तो उठ सा चला है दोस्तों…. वफा भी खाये कसम जिसकी, हमें उस वफा कि तलाश है…… .

उम्र भर जुदा नहीं होते

उम्र भर जुदा नहीं होते, दर्द भी उसूल के पक्के होते है.

कोई वहम ही था जो

कोई वहम ही था जो इस गली में मुड़ आये वरना पिछले मोड़ पे एक रास्ता और भी था ..

अगर जिन्दा हो तो

अगर जिन्दा हो तो जिन्दा नजर आना जरूरी है अगर बात आए उसूलों पर तो टकराना जरूरी है|

कोई चेहरे का दीवाना

कोई चेहरे का दीवाना तो किसी को तन की तलब..!! अदाएँ पीछा करवाती है साहब आजकल मोहब्बत कौन करता है…

कुछ फ़र्जी खयाल भी

कुछ फ़र्जी खयाल भी दिल को सताते है, जैसे कि ” हम उन्हे याद आते है”…..

काश आ जाता कोई

काश आ जाता कोई पूछने वाला की क्या चाहिए? पैसे,प्रमोशन,ग्लैमर, सबको छोड़ सिर्फ बचपन वापस मांग लेता मैं..!!!

Exit mobile version