बारिश के बाद रात आईना सी थी, एक पैर पानी मे रखा तो चाँद हिल गया.
Tag: बारिश
अब कौन से मौसम से कोई आस लगाए
अब कौन से मौसम से कोई आस लगाए, बरसात में भी याद जब न उनको हम आए।
ये बारिश भी तुम सी है!
ये बारिश भी तुम सी है, जो थम गई तो थम गई।। जो बरस गई तो बरस गई, कभी आ गई यूँ बेहिसाब।। कभी थम गई बन आफताब, कभी गरज गरज कर बरस गई ।। कभी बिन बताये यूँ ही गुज़र गई कभी चुप सी है कभी गुम सी है ये बारिश भी सच… तुम… Continue reading ये बारिश भी तुम सी है!