आजकल आम भी खुद ही गिर जाया करते है पेड़ो से, क्योंकि उन्हें छिप छिप कर तोड़ने वाला बचपन जो नहीं रहा !!!
Tag: प्यार
बड़ी अारजू थी महबूब को बे नक़ाब
बड़ी अारजू थी महबूब को बे नक़ाब देखने की दुपट्टा जो सरका तो ज़ुल्फ़ें दीवार बन गयी
दिल करता है फुर्सत की
दिल करता है फुर्सत की नुक्कड़ पर बैठ कर, दो लम्हो के बीच में , कॉमा, लगाया जाये…!
जो ऊसूलों से लड़ पड़ी होगी
जो ऊसूलों से लड़ पड़ी होगी वो जरुरत बहुत बड़ी होगी, एक भूखे ने कर ली मंदिर में चोरी शायद भुख भगवान से बडी होगी….
देश में पुरस्कार लौटाने के सिलसिले
चल रहे है देश में पुरस्कार लौटाने के सिलसिले,? उनसे भी कोई कह दे ☺ज़रा हमारा दिल लौटा दे..??❤
दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं
दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग; तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग; जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन; तो उसे भी “सूर्य ग्रहण” तक कहते हैं लोग!
काज़ियो से नहीं पढवाया जाता कलमा
काज़ियो से नहीं पढवाया जाता कलमा इश्क का.. पढ़े नज़र-ऐ-यार जो, फिर होता नहीं किसी का..!
पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं
पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले
मेरे भाव का समंदर तुझसे
मेरे भाव का समंदर तुझसे, मेरे शब्दों की रचनायें तुझसे ,, मैं इक खोई खोई तस्वीर, मेरे तस्वीर के हर रंग तुझसे ।।
ज़मीं के नीचे धड़कता है
ज़मीं के नीचे धड़कता है कोई टूटा दिल, यूँ ही नहीं आते ये तेज़ जलज़ले..!!