मेरे लहजे में जी हुजूर ना था

मेरे लहजे में जी हुजूर ना था इसके अलावा मेरा कोई कुसूर ना था अगर पलभर को भी में बे-जमीर हो जाता यकीन मानिये कब का वजीर हो जाता” !!!

रहने की कुछ बेहतरीन जगहों में से

रहने की कुछ बेहतरीन जगहों में से एक जगह अपनी औक़ात भी है….!!

Exit mobile version