न छेड़ क़िस्सा वो उल्फत का, बड़ी लम्बी कहानी है !
मैं ज़िंदगी से नहीं हारा, बस किसी पे एतबार बहुत था ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
न छेड़ क़िस्सा वो उल्फत का, बड़ी लम्बी कहानी है !
मैं ज़िंदगी से नहीं हारा, बस किसी पे एतबार बहुत था ..