महफ़िलें सजती होंगी बेशक तुम्हारे दर मगर,
महफ़िलों में हम नहीं है,ग़म नहीं है अब मगर…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
महफ़िलें सजती होंगी बेशक तुम्हारे दर मगर,
महफ़िलों में हम नहीं है,ग़म नहीं है अब मगर…