बस यही सोच कर हर मुश्किलों से लड़ता आया हूँ…धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बस यही सोच कर हर मुश्किलों से लड़ता आया हूँ…धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते…