इन सूखे हुए लबों पर कई अनकही बारिशें हैं..
तुम छू लेना इन्हें और बादलों में रिहा कर देना..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इन सूखे हुए लबों पर कई अनकही बारिशें हैं..
तुम छू लेना इन्हें और बादलों में रिहा कर देना..