अब उस खुदा से भी अब शिकायत नहीं ,
क्या करूँ शिकायत ,
जब तुझे उसने मेरे हाथों में लिखा ही नही|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब उस खुदा से भी अब शिकायत नहीं ,
क्या करूँ शिकायत ,
जब तुझे उसने मेरे हाथों में लिखा ही नही|