मुसाफ़िर हो तो सुन लो राह में सहरा भी आता है
निकल आए हो घर से क्या तुम्हें चलना भी आता है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुसाफ़िर हो तो सुन लो राह में सहरा भी आता है
निकल आए हो घर से क्या तुम्हें चलना भी आता है