हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नकाबो में ….!!! हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!””
Category: Zindagi शायरी
नए कमरों में
नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है
उन चराग़ों में तेल
उन चराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे
कोशिश करते तो
खता इतनी थी कि उनको पाने की कोशिश की,,, अगर छिनने की कोशिश करते तो बेशक वो हमारे होते..
तेरी तो फितरत थी
तेरी तो फितरत थी सबसे बात करने कि,और हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे…
इस बाज़ार को
खोल बैठे हैं दुकान हुस्न फरोशी की कुछ लोग इस बाज़ार को नाम इश्क़ का देते हें
जानते हुए भी
अकसर हकीकत जानते हुए भी, सहारा-ए-फसाना लिये जा रहे हैं …!
बगावत तो कर
तु जमाने से बगावत तो कर, सारी दुनिया से लड़ने के हमारे ईरादे है,, होगी तू हसीन राजकुमारी तो क्या हुआ हम भी बिगडे शहजादे है.
ताकत पे सियासत
ताकत पे सियासत की ना गुमान कीजिये, इन्सान हैं इन्सान को इन्सान समझिये। यूँ पेश आते हो मनो नफरत हो प्यार में, मीठे बोल न निकले क्यूँ जुबां की कटार से। खुद जख्मी हो गये हो अपने ही कटार से, सच न छुपा पाओगे अपने इंकार से। आँखें भुला के दिल के आईने में झाकिये,… Continue reading ताकत पे सियासत
सारी दुनिया लगी है
याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है, तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो..