जग रहे हो किसी के लिए

जग रहे हो किसी के लिए.. .. या किसी के लिए सोये नहीं ?

ऐ दिल सोजा

ऐ दिल सोजा, अब तेरी शायरी पढ़ने वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है..⁠⁠⁠⁠

चले भी आओ तसव्वुर में

चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर….. आज इंतज़ार तेरा….. दिल को…. हद से कुछ ज्यादा है

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥

अच्छा हुआ जिसे चाहा

अच्छा हुआ जिसे चाहा…. उसके नही हुए…… नही तो हम गुलाम ही हो जाते…..

कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें

कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे, जाम हो जाए तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए

जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में

जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में, क्योकि….आज रात तेरे ख्वांबों मे हमारा बसेरा होगा…!!!

गजब है उनका हंस कर नज़रे झुका लेना

गजब है उनका हंस कर नज़रे झुका लेना, पुछो तो कहते है….कुछ नही बस युँ ही…!!!

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