तुम नफरतों के धरने,क़यामत तक ज़ारी रखो। मैं मोहब्बत से इस्तीफ़ा,मरते दम तक नहीं दूंगी।
Category: प्यार शायरी
पथ्थर समझ के हमें
पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ , कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।
तू रख वो हौसला
तू रख वो हौसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चल कर समुन्दर भी आएगा, थक हार के ना रूकना- ए- मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी मिलने का मजा भी आएगा..
जो दिल से
जो दिल से सच्चे होते है ना, कसम से मकान उनके ही गिरते है..
ज़िंदगी बदल देती है
मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है, मिल जाए तो भी ना मिले तो भी..
मैं राज़ तुझसे कहूँ
मैं राज़ तुझसे कहूँ, हमराज़ बन जा ज़रा. करनी है कुछ गूफतगू, अलफ़ाज बन जा ज़रा…
यूँ तो मशहूर हैं
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!! मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी
जितनी मुझे सजा मिली..
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..
मै तो ग़ज़ल सुना कर
मै तो ग़ज़ल सुना कर अकेला खडा रह गया सुनने वाले सब अपने चाहने वालों में खो गए..
आइना फिर आज
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!