चेहरे पर सुकून

चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने से है बेचैन तो वरना हर शख्स ज़मानें में है!!!

तेरा अंदाज़-ए-शायरी

तेरा अंदाज़-ए-शायरी भी क्या कमाल है पढूँ तो दिल धड़के ना पढूँ तो बेचैन रहूँ

घुट घुट कर

घुट घुट कर जीना पड़ रहा है… ऐसा करो तुम आ कर गला दबा जाओ…

दो हिस्सों में

दो हिस्सों में बंट गए हैं, मेरे दिल के तमाम अरमान। कुछ तुझे पाने निकले, तो कुछ मुझे समझाने निकले.!

फ़िक्र तो तेरी

फ़िक्र तो तेरी आज भी है.. बस .. जिक्र का हक नही रहा।

निगाहों से भी

निगाहों से भी चोट लगती है.. जनाब.. जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है..!!

उसको याद करना भी

अब तो उसको याद करना भी बड़ा मुश्किल है जनाब कहकी है अच्छा नहीं लगता वक्त बे वक्त तुम याद करते हो|

ख़याले यार में

ख़याले यार में नींद का तसव्वुर कैसा ! आँख लगी ही नहीँ… आँख लगी है जबसे !!

फासले और बना लो

फासले और बना लो एतराज़ कब किया हमने तुम भुला ना सकोगे वो अंदाज़ हूँ मैं….

अगर ये चाँद सूरज

अगर ये चाँद सूरज …. बीच में …… आये नहीं होते… मिलन अब तक ज़मीं और आसमां का हो चुका होता…

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