जीना है सब के साथ

जीना है सब के साथ कि इंसान मैं भी हूँ, चेहरे बदल बदल के परेशान मैं भी हूँ !!

मोहब्बत की किताब

कैसे लिखोगे मोहब्बत की किताब तुम तो करने लगे पल पल का हिसाब|

लफ्ज़ पहचान बने

लफ्ज़ पहचान बने मेरी तो बेहतर है..!! चेहरे का क्या है, साथ ही चला जाएगा एक दिन…!!

खुद को गिरा कर

माना कि औरों के जितना मैंने पाया नहीं.. मगर खुश हूँ.. कि खुद को गिरा कर, कुछ उठाया नहीं..!!!

उदास राहों में

जिंदगी की उदास राहों में कभी यूं भी होता है…. इंसान खुद ही रो पडता है औरो को हौंसला देते देते…

जो ठहर नहीं सकती

साहिल पे बैठे यूँ सोचता हुं आज, कौन ज़्यादा मजबूर है….? ये किनारा, जो चल नहीं सकता, या वो लहर, जो ठहर नहीं सकती…!!!

ठान लिया था

ठान लिया था कि अब और नहीं लिखेंगे पर क्या करें जनाब येअधूरी मोहब्बत ही ऐसी चीज़ है

हम भी कभी

हम भी कभी अपनो की उदासी दूर किया करते थे, पर जब आज हम तन्हा है तो पूछने वाला कोई नही !!!

दिल अब भी चोंक जाता है

दिल अब भी चोंक जाता है उसके नाम से, जाने क्यों उसका नाम सुना जाता है कोई, आज भी उलझे है हम, बस इक सवाल पे, जाने क्यों फिर आकर चला जाता है कोई… मैं शिकायत क्यों करूँ ,ये तो नसीब की बात है-मैं तेरे ज़िक्र” में भी नहीं और मुझे तू हर “लफ्ज़” में… Continue reading दिल अब भी चोंक जाता है

खफा जिदंगी को

चलो ,खफा जिदंगी को मनाते हैं…. चूम कर पेशानी वक्त की…. बस मुस्कराते हैं..

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