कितनी शिद्दत से तराशा था उस शख्स का किरदार हमने..,. जब हुआ मुक्कमल तो हमे ही पहचानना भूल गया…..
Category: प्यारी शायरी
कदर कर लो
कदर कर लो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं… दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!
मैं याद तो हूँ
मैं याद तो हूँ उसे, पर ज़रूरत के हिसाब से। मेरी हैसियत, कुछ नमक जैसी है।
जो नहीं है हमारे पास
जो नहीं है हमारे पास वो “ख्वाब” हैं, पर जो है हमारे पास वो “लाजवाब” हैं…
घर से निकले हैं
वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं साहब घर से निकले हैं हम आँसूओं की तरह..
मजबूर ना करेंगे
मजबूर ना करेंगे तुझे, वादेनिभाने के लिए…. तू एक बार वापस आ,अपनीयादें ले जाने के लिए….!
ज़िंदगी ये चाहती है
ज़िंदगी ये चाहती है कि…… .. .ख़ुदकुशी कर लूँ …. … मैं इस इंतज़ार में हूँ कि… कोई हादसा हो जाये
मेरा खुदा एक ही है
मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..
रूठना भी बर्दाश्त नहीं
दोहरी हुकूमत जताना कोई तुमसे सीखे, खुद तो बात करेंगे नहीं……. उस पर मेरा रूठना भी बर्दाश्त नहीं ।।
किसी से भी न हारा
तेरी चाहत ने अगर मुझको न मारा होता, मैं ज़माने में किसी से भी न हारा होता….