खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का, अपनी तन्हाई में हम, अब मशरूफ बहुत रहते हैं..
Category: दर्द शायरी
अंदर ही अंदर टूट जाते है घर
अंदर ही अंदर टूट जाते है घर, मकान खड़े के खड़े रह जाते है बेशर्मों की तरह…!!!
इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है
इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है । मैं उसके शहर में बंद मकान की तरह हूँ ।।
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई , तो फिर दर्द का हिसाब क्यों रखूं ?
लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नाम से
लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नाम से, कि जिसने तुम्हे देखा भी नही, उसने भी तेरी तारीफ कर दी…!!!
रोने से किसी को पाया नहीं जाता
रोने से किसी को पाया नहीं जाता, खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता, वक्त सबको मिलता है ज़िंदगी बदलने के लिए, पर ज़िंदगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए !!
किस्मत बुरी या मैं बुरा
किस्मत बुरी या मैं बुरा, ये फैसला ना हो सका; मैं हर किसी का हो गया, कोई मेरा ना हो सका!
कितनी मासूम होती है ये दिल की धड़कनें
कितनी मासूम होती है ये दिल की धड़कनें, कोई सुने ना सुने ये खामोश नही रहती..
नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
नसीहतें अच्छी देती है दुनिया, अगर दर्द किसी और का हो..
पलकों को भिगो गया
आया कुछ इस अदा से के पलकों को भिगो गया, झोंका तेरे ख्याल का कितना अजीज था.