औकात क्या है तेरी, “ए जिँदगी” चार दिन कि मुहोब्बत तुझे तबाह कर देती है…..iii
Category: औकात शायरी
शेर की भुख ओर हमारा लुक
शेर की भुख ओर हमारा लुक दोनो ही जान लेवा हे !
मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी…
मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी… बात मैं महल मिनारों की कर जाता हूं…