मोहब्बत करने वालों को

मोहब्बत करने वालों को वक़्त कहाँ जो गम लिखेंगें कलम इधर लाओ, इन बेवफ़ाओं के बारे में हम लिखेंगें|

एक दिल था

एक दिल था जो तुझे दे दिया.. हज़ार होते.. तो भी तेरे होते|

अक्सर रो पड़ती है

हँसते हँसते अक्सर रो पड़ती है ये निगाहें जहन में जब जब आता है खोया हुआ चेहरा तेरा..

मोहब्बत मे लेन देन

मोहब्बत मे लेन देन ही नही होती! तो कैसे करे कोइ हिसाब और कैसे चुकाये ये उधारी……

हम तो शापित प्रेमी

हम तो शापित प्रेमी, हमको कुछ भी न अधिकार मगर, जादूगर भी इस दुनिया को तुम जैसी न कर पाते।

वफ़ा को आज़माना चाहिए

वफ़ा को आज़माना चाहिए था, हमारा दिल दुखाना चाहिए था आना न आना मेरी मर्ज़ी है, तुमको तो बुलाना चाहिए था |

रुकता नहीं तमाशा

रुकता नहीं तमाशा.. रहता है खेल जारी.. उस पर कमाल ये है कि .. दिखता ” नहीं मदारी…

अपने लफ्ज़ों पर

अपने लफ्ज़ों पर गौर कर के बता, लफ्ज़ कितने थे, और तीर कितने…

मत कर मुझे परेशान

मत कर मुझे परेशान ऐ मौत………!! आशिक़ हूँ, अभी और तड़पना बाकी….!!

दिपक मन्दिरों मे जलाते हैं

ये नादानी भी सच मे बेमिसाल है, अंधेरा दिलो मे है, और दिपक मन्दिरों मे जलाते हैं..!!!

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