कभी कभी वजह भी दे दिया करो

मशवरा तो देते रहते हो कि खुश रहा करो, कभी कभी वजह भी दे दिया करो

जरा सी रंजिश पर ना छोड़

जरा सी रंजिश पर ना छोड़ किसी अपने का साथ…….. जिंदगी बीत जाती है अपनों को अपना बनाने मै……।

अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे

अपने सिवा कोई मिला है क्या तुम्हे ? हज़ारों बार ली तुमने मेरे दिल की तलाशियां…!

महक उतनी ही बिखरी

इलाईची के दानों सा, मुक़द्दर है अपना…! महक उतनी ही बिखरी … जितने पीसे गए

आँख बंद करके चलाना खंजर

आँख बंद करके चलाना खंजर मुझ पे , कही मैं मुस्कुराया तो तुम पहले मर जाओ गे ,

चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते हैँ

चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते हैँ… तुम हमेँ ढूँढो.. हम तुम्हेँ ढूँढते हैँ..

सारा दर्द मुझे ही सौंप दिया

सारा दर्द मुझे ही सौंप दिया… उसे मुझपे ऐतबार बहुत था…!!!

तेरे ही किस्से

तेरे ही किस्से…तेरी ही कहानियाँ मिलेंगी मुझमें…, मैं कोई अख़बार नहीं…जो रोज़ बदल जाऊं…।

कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने

कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!

उसे मुझसे मोहब्बत नही तो ना सही

उसे मुझसे मोहब्बत नही तो ना सही… क्या इतनी सी बात पर मै उसको चाहना छोड दूँ…!

Exit mobile version