दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग; तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग; जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन; तो उसे भी “सूर्य ग्रहण” तक कहते हैं लोग!

पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं

पेशानियों पे लिखे मुक़द्दर नहीं मिले दस्तार कहाँ मिलेंगे जहाँ सर नहीं मिले

मेरे भाव का समंदर तुझसे

मेरे भाव का समंदर तुझसे, मेरे शब्दों की रचनायें तुझसे ,, मैं इक खोई खोई तस्वीर, मेरे तस्वीर के हर रंग तुझसे ।।

ज़मीं के नीचे धड़कता है

ज़मीं के नीचे धड़कता है कोई टूटा दिल, यूँ ही नहीं आते ये तेज़ जलज़ले..!!

जब वक़्त करवट लेता हैं

जब वक़्त करवट लेता हैं ना, दोस्तों… तो बाजियाँ नहीं, जिंदगियाँ पलट जाती है..!

न हथियार से मिलते हैं

न हथियार से मिलते हैं न अधिकार से मिलते हैं , दिलों पर कब्जे बस प्यार से मिलते हैं…..

छुपे छुपे से रहते हैं

छुपे छुपे से रहते हैं, सरेआम नहीं हुआ करते… कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं, उनके नाम नहीं हुआ करते !!!

मेरे सब्र का ना ले इम्तिहान

मेरे सब्र का ना ले इम्तिहान …मेरी खामोशी को सज़ा ना दे… ??जो तेरे बगैर ना ज़ी सके…उसे ज़िन्दगी की दुआ ना दे…!!

ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार

ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार हो गया .खामख्वाह मुझे तुझसे प्यार हो गया |.

निशानी क्या बताऊ तुझे

निशानी क्या बताऊ तुझे अपने घर की,, . जहाँ दीवारे उदास लगे वहीँ चले आना..”

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