मत इन्हें उछाल

लफ़्ज़ “आईने” हैं
मत इन्हें उछाल के चल,

“अदब” की “राह” मिली है तो
“देखभाल” के चल

मिली है “ज़िन्दगी” तुझे
इसी ही “मकसद” से,

“सँभाल” “खुद” को भी और
“औरों” को “सँभाल” के चल “

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