छोटी छोटी ख्वाहिशे

वो बेपरवाह बचपन, वो छोटी
छोटी ख्वाहिशे,

बस हँसी और सिर्फ हँसी,
कितने रईस थे हम।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *