by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 5, 2016 उडते हुये परिँदो उडते हुये परिँदो को कोई कैद नही कर सकता ” जो अपने होते है वो खुद ही लौट आते है…