जरुरत तोड़ देती है इन्सान के सारे गरूर को …..
ना होती कोई
मज़बूरी तो हर बंदा खुदा होता ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जरुरत तोड़ देती है इन्सान के सारे गरूर को …..
ना होती कोई
मज़बूरी तो हर बंदा खुदा होता ।।