by pyarishayri - Facebook Status, Shayari, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - June 11, 2016 शीशे का घर था मैं एक शीशे का घर था, बहुत टूटा । लोग जो भी गुज़रे हैं, पत्थर से गुज़रे हैं ।।