by pyarishayri - Best Whatsapp Status, Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, बेवफा शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 17, 2017 मैंने उन तमाम परिदों के मैंने उन तमाम परिदों के पर काट दिए… जिन को अपने अंदर उड़ते देखा था कभी