by pyarishayri - Facebook Status, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 3, 2017 ये चांद की ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है, कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..