by pyarishayri - Mosam Shayri, Quotes, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - March 13, 2017 किसी सहरा में किसी सहरा में महकता गुलिस्ताँ न हो जाऊँ, हर ऐब सुधार लूँ तो फ़रिश्ता न हो जाऊँ..