ज़िन्दगी दो पल की तो क्यों ना इसे इस तरह जिया जाये की जो भी मिले उसे ख़ुशी और बिछड़ने वाले के दिल में याद बन कर रह
जाये |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़िन्दगी दो पल की तो क्यों ना इसे इस तरह जिया जाये की जो भी मिले उसे ख़ुशी और बिछड़ने वाले के दिल में याद बन कर रह
जाये |