यूँ नजरें ना झुकाओ अपनी बेवफाई पर ,
इल्म था हमें इस दर्द को मेरा ही होना ही था !
चाहत इस दिल की मुस्कुराते रहो तुम सदा ,
हमें तो तेरी उदासी अपने लबों पे सजाना ही था !
मिले ना बेवफाई तुझको तेरे प्यार से जानम ,
हमें तो तेरी बेवफाई को गजलों में पिरोना ही था !
राख हो गए चमन देखो मेरे के अरमानों का ,
फूल कैसे मिलते जब काँटों को मेरा होना ही था !