by pyarishayri - Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - December 18, 2016 संभाल के खर्च संभाल के खर्च करता हूँ खुद को दिनभर …! हर शाम एक आईना मेरा हिसाब करता है ..