कयामत के फरिश्तों ने माँगा जब जिंदगी का हिसाब
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खुदा, खुद मुस्कुरा के बोले, जाने दो इसे मोहब्बत की है इसने|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कयामत के फरिश्तों ने माँगा जब जिंदगी का हिसाब
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खुदा, खुद मुस्कुरा के बोले, जाने दो इसे मोहब्बत की है इसने|