by pyarishayri - Facebook Status, Love Shayri, Mosam Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी - December 3, 2016 समजते थे मगर समजते थे मगर फीर भी न रखी दूरीयां हमनें, चरागोंको जलानेमें जलाली उंगलीयां हमनें!